ट्विटर से जुड़ी एक स्टडी में जर्मनी की 31 साल की एक महिला की स्थिति का ख़ास तौर से विश्लेषण किया गया है, जिसे पागलखाने में भर्ती होना पड़ा, क्योंकि उसे आत्महत्या के ख्याल बहुत आते थे।
महिला अपना ज्यादातर समय ट्विटर पर बिताती थी।
‘ट्विटर साइकोसिस : ए रेयर वेरिएशन ऑर ए डिस्टिंक्ट सिंड्रोम’ नाम से पब्लिश हुई रिपोर्ट में कहा गया कि महिला का ट्विटर पर बहुत ज्यादा वक्त बिताना और मेंटल डिसऑर्डर के लक्षण पनपने के बीच रिश्ता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि मेंटल डिसऑर्डर का शुरुआती लक्षण यह था कि महिला को लगता था कि एक मशहूर फिल्म ऐक्टर उसके मैसेज का सिम्बल्स में जवाब देता है।
लेकिन बाद में महिला को पता चला कि यह सिर्फ उसका भ्रम था और उसे ट्विटर से नफरत हो गई।
यह स्टडी रिसर्च मैगजीन ‘जर्नल ऑफ नर्वस ऐंड मेंटल डिजीज’ में पब्लिश हुई है।
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